खूबसूरत मन की तो
सभी सराहना करते हैं
पर असल जिंदगी में
ये आंकलन फीके लगते हैं
सुंदर छरहरी काया
सबके मन को भाये
मेरी संगिनी का मन हो सुंदर
शायद ही सुनने में आए
वजन पर टीका टिप्पणी
हो लंबे लहराते बाल भी
श्यामल नहीं, उजला हो तन
तीखे नैन नक्श, सुराही सी गर्दन
दया करुणा की नहीं करते बात
नैतिक मुल्यों की क्या औकात
रंग रूप के आगे फीके लगते हैं
रंग भी तो उजलों पर ही फबते हैं
मिट्टी का तन, प्रभु ने रचा अंतरमन
मूरत का मान, रचयिता का अपमान
सौंदर्य के मापदंड कौन तय करेगा
कब तक आंखों पर ये परदा रहेगा
चित्रा बिष्ट
(मौलिक रचना)

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




