बस इतना बता दो मुझे तुम,
मेरा गुनाह क्या है !!
बस इतना जता दो मुझे तुम,
मेरा क़ुसूर क्या है !!
प्यार करना ही है गुनाह अगर,
तो जी हाँ मैंने किया तुमसे !!
सादगी से अगर देखना ज़ुर्म है,
तो बिलकुल ख़ता ये किया है मैंने !!
बस इतना बता दो मुझे तुम,
इसमें गलती मेरी क्या है !!
प्यार तोहफ़ा है अनमोल,
क़ुदरत का ये !!
दिल धड़कने का जज्बा है,
इक राज़ ये !!
बस इतनी सज़ा दो मुझे तुम,
बता दो सज़ा मेरी क्या है !!
----वेदव्यास मिश्र
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