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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

इस गली से गुजरती है

लोग अपने घरों से निकल आतें हैं
जब भी वो इस गली से गुजरती है
अपना सब कुछ यूं ही भूल जाते हैं
जब भी वो इस गली से गुजरती है

गिना करते हैं, उसकी, पलक झपकने को
अपनी पलकें झपकाना,भूल जाते हैं
जब भी वो इस गली से गुजरती है

लपेटती है जब, जुल्फों को उंगलियों में
लोग सांस लेना तक भूल जाते हैं
जब भी वो इस गली से गुजरती है


वो जान बूझकर ही,कहर ढाया करती है
फिर भी लोग, मचल मचल जाते हैं
जब भी वो इस गली से गुजरती है

बक्शी है खुदा ने, ऐसा हुस्न उसे
सबके सब खीचे चले आते हैं
जब भी वो.......................!!


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (8)

+

सुभाष कुमार यादव said

खूबसूरत।👌👌🙏🙏

आलम-ए-ग़ज़ल - परवेज़ अहमद said

Waah! Kamaal ka likkha hai aapne Manoj jee! Dil ko chhooti chali gayi aapki ye rachna! Hamesha ki tarah ye bhi ek yaadgaar rachna hai! Bahot khoob! Ek be-misaal shaayar ka laajawaab kalaam! Aadaab, Manoj jee! 👌👌👏❤️🙏

सुप्रिया साहू said

वाह वाह....तालिया,तालिया,तालिया...जब भी वो इस गली से गुजरती है, कमाल कर दिया आपने, इतनी प्यारी कविता कि हम भी खींचे चले आए जब आप यहां से गुजरें, बहुत खूबसूरत रचना सर 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

रीना कुमारी प्रजापत said

😄😄वाह

सरिता पाठक said

बहुत सुन्दर रचना, आदरणीय भईया जी को सादर nms🙏🙏👌👌

फ़िज़ा said

बक्शी है खुदा ने, ऐसा हुस्न उसे
सबके सब खीचे चले आते हैं
Kya bat hai bahut khoob lazwab 👏👏

पवन कुमार "क्षितिज" said

बहुत बारीक अध्ययन करके लिखा है आपने ..शानदार 👌

मनोज कुमार सोनवानी "समदिल" said

आप सब को सादर प्रणाम करता हूं 🙏🙏 इसी तरह से अपनापन बनाए रखिए, आभार!!

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