सावन तुम्हारा जैसा भी हो, छोड़कर
मेरी सावन में आ जाना
रस्मों रिवाजों के बंधन सारे, तोड़कर
मेरी सावन में आ जाना
ख़त, भिजवाया हूं, किसी के हाथ
पढ़ना दिल से, लिफाफा खोलकर
मेरी सावन में आ जाना
ख़त में, खुशबू है, मेरी सांसों का
अपनी सांसों से, देख लेने, तोलकर
मेरी सावन में आ जाना
कुछ हिम्मत दिखाना, चुपचाप नहीं
सीधे सीधे, घर वालों से, बोलकर
मेरी सावन में आ जाना
पूछे जो कोई, कहां जा रही हो
मन को भीगोने,जा रही हूं, बोलकर
मेरी सावन में आ जाना
गढ़ देंगे एक नया तराना, जिंदगी का
तुम्हारी हमारी सावन को, जोड़ कर
मेरी सावन में आ जाना।
सर्वाधिकार अधीन है