वक़्त हमसे कहता है,
हमेशा ही... !!
इक वादा है मेरा तुमसे,
अगर तुमने मेरी क़द्र की..
तो मैं मालामाल कर दूँगा,
तुम्हें खुशियों से !!
पर इक वादा भी चाहिए,
मुझे तुमसे.. !!
करोगे वही,
जो मैं कहूँगा तुमसे !!
सुबह उठकर,
पहले करोगे नित्य क्रिया सारी !!
दो किलोमीटर चलोगे फिर,
हर रोज आदत होगी तुम्हारी !!
बाद उसके अपने बाकी,
काम नित्य करना !!
करोगे परोपकार,
जितनी भी हैसियत होगी तुम्हारी !!
इक वादा है मेरा तुमसे..,
न ही कभी निराश होना,
न ही कभी उदास होना !!
मैं तुम्हें मालामाल करके ही छोड़ूँगा,
बस साफ रखना हमेशा नीयत तुम्हारी !!
...काव्य सरस वेदव्यास मिश्र की कलम से
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




