हम भी खेती करते हैं
मानव के निर्माण की,
शब्द बीज बोते है हम भी
कल के हरियाले भविष्य की,
विचारों की खाद,भावों का जल,
छटनी करते खरपतवार द्वेष की
कवि कृषक है कविताएँ उगाते है|
सुप्त सपनों के अंकुर खिलाते है|
परिवर्तन की सुखद हवाएँ बहती,
छूकर क्रांति से भरी शाखाओं से,
सदियों तक ज्ञान के फल चखते,
देते छांव जीवन की तपती धूप से,
क्षुधा तृप्त करते कृषक महान,
मन तृप्ति से भर देते कवि सुजान
कवि हूँ कवि कर्म मेरा ध्येय है|
भावों का अन्न उगाना मेरा लक्ष्य है
- रश्मि मृदुलिका

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




