तुम्हारी खुशबू मेरे दुपट्टे से उठती।
रोकू कैसे एक जगह नही टिकती।।
रूख तो बदला है तारो ने मेरे प्रति।
मौसमी हालात-ए-बयाँ नही पूछती।।
बार-बार दिल-ए-चाँद हरकते करता।
बेचैन बादलो से तबियत नही पूछती।।
रोशनी की जरूरत पड़ती नही मुझे।
लौट कर आने की बेला नही पूछती।।
बरसो का विरह जरूरी नही जाएगा।
अँधेरे से 'उपदेश' का पता नही पूछती।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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