यादें तेरी नौजवान...!
तुझको कैसे ,भूले जान...!
अभी-अभी तो इश्क हुआ है...!
ये क्या कहती है, तू नादान...!
यादें तेरी नौजवान...!
तुझको कैसे ,भूले जान...!
तुझको अपना मान लिया है...!
तो कैसे कह दे, तू अनजान....!
यादें तेरी नौजवान...!
तुझको कैसे ,भूले जान...!
फूलों की देखे मुस्कान...!
पर फूल न कोई तोड़े जान...!
पत्थर में भी आ जाए जान...!
पत्थर को जब छू ले राम...!
यादें तेरी नौजवान...!
तुझको कैसे ,भूले जान...!
Pranjulbaiswari✍️