हमने दूरी बना ली है उन लोगों से जो हमारे ख़िलाफ़ है,
कुछ और बचे हैं अभी क्योंकि उन्होंने अभी
अपना रंग दिखाया नहीं है।
बस कुछ वक़्त और क्योंकि वो भी अपना रंग
ज़रूर दिखाएंगे,
और फिर वो भी मेरी ज़िंदगी से हमेशा के लिए
बेदख़ल हो जाएंगे।
एक बार जो हमारे दिल से उतर गया,
अपना हो या पराया,पता नहीं फिर वो कहाॅं गया।
नादान है ये ज़माना जो समझा नहीं हमारा मिज़ाज,
और कहा कही में एक दूजे की मुझसे उलझ गया।
मेरी ज़िंदगी में वही लोग रहेंगे,
जो मेरे जज़्बातों की कद्र करेंगे।
बाकीयों का क्या? बाकी तो बेरहम है ,
जो मेरे दिल से क्या? दिल की दहलीज़ से भी
बर्खास्त रहेंगे।
🖊️ रीना कुमारी प्रजापत 🖊️