ये दहशतगरों की बस्ती है,
यहां नेस्तनाबूत की बातों पर अमल किया जाता है,
इतने अदब से पेश न आया कीजिए कातिल–ए महफ़िल में,
यहां सर झुकाने वालों का सर कलम किया जाता है..!
#कमलकांत घिरी ✍️
New रचनाकारों के अनुरोध पर डुप्लीकेट रचना को हटाने के लिए डैशबोर्ड में अनपब्लिश एवं पब्लिश बटन के साथ साथ रचना में त्रुटि सुधार करने के लिए रचना को एडिट करने का फीचर जोड़ा गया है|
पटल में सुधार सम्बंधित आपके विचार सादर आमंत्रित हैं, आपके विचार पटल को सहजता पूर्ण उपयोगिता में सार्थक होते हैं|
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यहां सर झुकाने वालों का सर कलम किया जाता है..!
#कमलकांत घिरी ✍️