हिस्से हम ने कई दिये,
....पर इसको ना दे पायेंगे,
हिंदुस्तान पर हक हमारा है,
....हम इसको न दे पाएंगे,
....हम इसको न दे पाएंगे,
तुम रहते हो रहते जाओ,
....हमने क्या रोका है तुमको,(2)
गर मांगो गे हिसे फिर से,
....हम हिस्से ना दे पायेंगे,(2)
वो हिमालय की पर्वत चोटी,
....अब अयोध्या सिर्फ हमारा है,
है हमारा ही मथुरा काशी,
....सारा हिंदुस्तान हमारा है,
हम इसको ना दे पाएंगे,
.... हम इसको ना दे पाएंगे,
हम भूले ना हैं राम को,
....और नाहीं भूले परशुराम को,(2)
अगर ना समझे तो समझाएंगे,
........ हम इसको ना दे पाएंगे,(2)
कवि राजू वर्मा द्वार लिखित (कॉपीराइट)
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




