हम अन्त नहीं,आगाज़ हैं
जो लोग सोचते थे कि
हम शून्य हैं
हम जीवन में कुछ नहीं कर सकते
आज वही हमारी सफलता से जलते हैं
उनकी नज़र में हम शून्य ही सही
इसमें उनके नज़रिए का दोष नहीं था
यह तो शून्य का ही खेल है
जो आदि भी है अन्त भी है
उन्होंने हमें अन्त समझ लिया
पर किस्मत ने हमें आदि के लिए चुन लिया
इसलिए उनके लिए परेशानी यह है कि
अब हमारा अन्त नहीं है केवल आगाज़ ही है..
वन्दना सूद