गर जहन ही तंग सा हो जायेगा अपना
दिल बेचारा संग सा हो जायेगा अपना
नेकी करना भूल जायेंगे अगर हम खुद
सारा जहाँ बदरंग ये हो जायेगा कितना
कौन क्या कहता है यही गर सोचते रहे
धूल में मिल जायेगा अपना हरेक सपना
जिन्दगी में वक़्त की अहमियत ज्यादा है
बालू की मानिंद हाथों से जाये फिसलना
यूं दास दिल के दाग ना सबको दिखाओ
हँसने लगेंगे लोग अब कोई नहीं है अपना II