हो कहां तुम ?
पता नहीं हो भी या नहीं तुम।
हम ढूंढें कहां तुम्हें ?
हमसे बहुत दूर हो तुम।
हमे आपका पता मालूम नहीं,
जो मालूम है वहां आप वाक़य हो भी या नहीं।
हो कहां तुम ?
तुम सिर्फ़ मेरी कल्पना हो
या हो हक़ीक़त में कहीं।
आप जहां रहती हैं वो घर स्वर्ग सा सुंदर है,
वहां रहने वाले सभी लोग बहुत ही दरियादिली है।
और आप आपका तो कहना ही क्या ?
आप उस स्वर्ग की अप्सरा है।
जीती हैं आप दूसरों के लिए,
हम आपको सलाम करते हैं।
दिन-रात आपसे मिलने के,
ख़्वाब देखते रहते हैं।
आपको पाने के लिए हमे भी आपके जैसा
बनना होगा,
आपको पाने के लिए हमे अपना लक्ष्य पाना होगा।
हमे भी कुछ बनना होगा,
हमे भी अपने अंदर आप सा ज़ुनून जगाना होगा।
🖋️ रीना कुमारी प्रजापत 🖋️