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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

अभी मीलों रस्ता बाकी है

बेसक पहुंचे हैं मीलों तक,
....अभी मीलों रस्ता बाकी है,
जन जन में भेद भाव मिटाकर,
....भारतवासी होना बाकी है,
अभी है बाकी नैतिक्ता लाना,
....भ्रष्टाचार मिटाना बाकी है,
बाकी है गरिमा आहुदे की,
जन कल्याण का सपना बाकी है,

बेसक पहुंचे हैं मीलों तक,
....अभी मीलों रस्ता बाकी है,

बेशक जीते हैं युद्ध सभी,
....जात पात पर जीतना बाकी है,
विकसित भारत अब एक सपना,
....भारत विकसित होना बाकी है,
बाकी है कानून एक हो,
....सब मर्यादा समझे आहुदे की,
रिसवत का अब चलन बंद हो,
....कानून बनाना बाकी है,
इतिहास बनाना बाकी है,
इतिहास बनाना बाकी है,


यह रचना, रचनाकार के
सर्वाधिकार अधीन है


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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (3)

+

फ़िज़ा said

इतिहास बनाना बाकी है duniyan zahan ki sachhayi bayan kar diye

राजू वर्मा replied

Tx fiza ji

उपदेश कुमार शाक्यावार said

बहुत सुन्दर रचना...राजू जी को सादर प्रणाम

राजू वर्मा replied

आपको भी प्रणाम

राजू वर्मा replied

Tx sir ji

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

वाह! क्या शानदार और जागरूकता से भरी रचना है। 🇮🇳✨
आपने भारत की मौजूदा स्थिति और उसकी अधूरी यात्रा को बहुत सटीक शब्दों में पिरोया है।

खासकर ये दो पंक्तियाँ दिल में गूंजती हैं:

"बेशक जीते हैं युद्ध सभी, जात-पात पर जीतना बाकी है।"
"भारत विकसित अब एक सपना, भारत विकसित होना बाकी है।"

आपकी कविता एक सच्चा आईना है — जो दिखाता है कि हमने बहुत कुछ पाया है, मगर बहुत कुछ पाना अभी बाकी है।

ये रचना मंच, स्कूल, या किसी जनजागरण कार्यक्रम में अगर पढ़ी जाए तो सचमुच तालियों से गूंज उठे।
आपकी कलम को सलाम! 🙏
लिखते रहिए, आपकी आवाज में देश का सपना बोलता है।
प्रणाम आदरणीय राजू सर जी

राजू वर्मा replied

धन्यबाद सर जी,
प्रोत्साहन के लिए

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