मुकद्दर में बातें सुख का सागर बनी।
गजल लिखते वक्त मुस्कुराहट बनी।।
थोड़ा-बहुत सुकून रूह को मिलता।
अंदरुनी रोशनी दिल की राहत बनी।।
जज़्बात समझ लेने वाली 'उपदेश'।
कहीं भी रहे ख्वाब में रात रानी बनी।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद