कापीराइट गजल
नजरें चुरा के हम से जब वो निकल गए
अरमां हमारे दिल के दिल में मचल गए
जिन्दगी में हम को जिसकी तलाश थी
वो साथी हमारे अपने कब के बदल गए
खुशबू से प्यार की, ये दिल महक गया
दिल में जो बसे थे वो चेहरे बदल गए
ख्वाब था कोई, या झौंका कोई हवा का
ख्वाहिशें हमारी हकीकत में बदल गए
वैसे तो ख्वाब में होता नहीं ये मुमकिन
यादव न जाने कबसे अपने बदल गए
-- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




