जब कभी उदासी में आखें ग़म हो जाती है,
दिल पर हाथ रख लेना मन उदास मत करना
आँसुओं को पी करके तार तार मत करना,
मोती है अश्कों की बेहिसाब मत करना',
जब कभी--
जिंदगी अमानत दर्द की विरासत पर,
अपने साथ कश्ती को दागदार मत करना
,दर्द की सजा इश्क है चाहतों के दामन से,
हो सके तो जी लेना खाली हाथ मत होना, जब कभी---
खुशबुवो की रौनक तो कांटो की पनाहो में है
हार कर कभी जीत की मंजिलों से मत डरना,
अपने पांव ख़ुद ही तुम दूरीयों को तय करना,
अपने रास्तो से तुम अब किसी से मत डरना,
जब कभी--
सर्वाधिकार अधीन है