काश..!
मेरे इश्क के वसीयत में तेरा नाम होता
तेरे हर एक किस्से में मैं बदनाम होता
आशिक़ी में इतने मशरूफ होते हम
की तेरी गलियों में आशिक़ हमारा नाम होता
चर्चे होते हमारे लोगों में
और लैला - मजनू हमारा भी उपनाम होता
तुम्हारी यादों में हम इस कदर गुम हो जाते
कि तुम्हे सोचने के सिवा हमारा ना कोई काम होता ।
गर ना मिलती नजरें तुमसे
गर ना होती मुलाकाते तुमसे
तो आज हमारा यह अंजाम न होता
और अगर हो भी गई होती इश्क मुकम्मल हमारी
तो तेरी यादों से भरी ग़म में हमारी हर शाम ना होता ।।
- तुलसी पटेल


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
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