दिल की पुकार
कहता है दिल तुम फिर आओगी,
तम को हटा फिर रोशनी लाओगी।
बागों में हरियाली फिर छाएगी,
उदास मन को फिर बहलाओगी।
स्नेहसिक्त बातें फिर सुनाओगी,
कहता है दिल तुम फिर आओगी।
स्नेह भरी नजरों से देख फिर मुस्कुराओगी,
अपने आँचल की छांव में फिर सुलाओगी।
जीवन में उत्साह का नव संचार फिर करोगी,
नई राह फिर दिखाओगी।
कहता है दिल तुम फिर आओगी,
तम को हटा फिर रोशनी लाओगी।
स्वप्नों में रंग भर फिर सजाओगी,
सपनों को साकार फिर बनाओगी।
प्रेम की मूरत बन फिर पास आओगी,
अपने स्नेह का स्पर्श फिर महसूस कराओगी।
धूप में शीतल छांव फिर लाओगी,
प्यासे दिल को फिर तृप्त कर जाओगी।
नव उमंग और नई उम्मीदें फिर जगाओगी,
कहता है दिल तुम फिर आओगी।
सन्नाटे को गीतों से फिर सजाओगी,
रातों को चांदनी से फिर चमकाओगी।
कहता है दिल तुम फिर आओगी,
तम को हटा फिर रोशनी लाओगी।