Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.

Show your love with any amount — Keep Likhantu.com free, ad-free, and community-driven.



The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

Newहैशटैग ज़िन्दगी पुस्तक के बारे में updates यहाँ से जानें।

Newसभी पाठकों एवं रचनाकारों से विनम्र निवेदन है कि बागी बानी यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करते हुए
उनके बेबाक एवं शानदार गानों को अवश्य सुनें - आपको पसंद आएं तो लाइक,शेयर एवं कमेंट करें Channel Link यहाँ है

The Flower of Word by Vedvyas MishraThe Flower of Word by Vedvyas Mishra
Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

दिल की पुकार

दिल की पुकार

कहता है दिल तुम फिर आओगी,
तम को हटा फिर रोशनी लाओगी।
बागों में हरियाली फिर छाएगी,
उदास मन को फिर बहलाओगी।

स्नेहसिक्त बातें फिर सुनाओगी,
कहता है दिल तुम फिर आओगी।
स्नेह भरी नजरों से देख फिर मुस्कुराओगी,
अपने आँचल की छांव में फिर सुलाओगी।

जीवन में उत्साह का नव संचार फिर करोगी,
नई राह फिर दिखाओगी।
कहता है दिल तुम फिर आओगी,
तम को हटा फिर रोशनी लाओगी।

स्वप्नों में रंग भर फिर सजाओगी,
सपनों को साकार फिर बनाओगी।
प्रेम की मूरत बन फिर पास आओगी,
अपने स्नेह का स्पर्श फिर महसूस कराओगी।

धूप में शीतल छांव फिर लाओगी,
प्यासे दिल को फिर तृप्त कर जाओगी।
नव उमंग और नई उम्मीदें फिर जगाओगी,
कहता है दिल तुम फिर आओगी।

सन्नाटे को गीतों से फिर सजाओगी,
रातों को चांदनी से फिर चमकाओगी।
कहता है दिल तुम फिर आओगी,
तम को हटा फिर रोशनी लाओगी।




समीक्षा छोड़ने के लिए कृपया पहले रजिस्टर या लॉगिन करें

रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (2)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

Uttam Rachna Waah kya khoob likha hai

Uma Shri said

Uttam rachna 👍👍

कविताएं - शायरी - ग़ज़ल श्रेणी में अन्य रचनाऐं




लिखन्तु डॉट कॉम देगा आपको और आपकी रचनाओं को एक नया मुकाम - आप कविता, ग़ज़ल, शायरी, श्लोक, संस्कृत गीत, वास्तविक कहानियां, काल्पनिक कहानियां, कॉमिक्स, हाइकू कविता इत्यादि को हिंदी, संस्कृत, बांग्ला, उर्दू, इंग्लिश, सिंधी या अन्य किसी भाषा में भी likhantuofficial@gmail.com पर भेज सकते हैं।


लिखते रहिये, पढ़ते रहिये - लिखन्तु डॉट कॉम


© 2017 - 2025 लिखन्तु डॉट कॉम
Designed, Developed, Maintained & Powered By HTTPS://LETSWRITE.IN
Verified by:
Verified by Scam Adviser
   
Support Our Investors ABOUT US Feedback & Business रचना भेजें रजिस्टर लॉगिन