जो हाल-ए-दिल समझता उससे झगड़ना प़डा।
प्यारे शख्स के बिना जीना गवारा करना प़डा।।
तबीयत नाशाद उसकी भी होगी तन्हा होकर।
कमबख्त तन्हाई से बंद कमरें में तड़पना पड़ा।।
चाहत बेज़ान सी रही कुछ कर ना सकी 'उपदेश'।
अपने आप से समझौता कर सहन करना पड़ा।।
मेरा नसीब भंवर का शिकार होकर डूब गया।
दरिया का क़ुसूर नही खुदकुशी से मरना प़डा।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




