लोगो की ज़िन्दगियाँ बड़ी खुद गर्ज़ है।
सबको यहाँ बस अच्छे की ज़रूरत है।।1।।
क्या दुश्मन क्या दोस्त सब ही है यहाँ।
महफ़िल से हमारा आदाब-ए-अर्ज़ है।।2।।
हर किसी का होना है हिसाब किताब।
मिल जाता है सब को ही यहाँ अज्र है।।3।।
सिर्फ एक दे इश्क़ में कुर्बानी गलत है।
कुछ तुम भी तो दो तुम्हारा भी गर्ज़ है।।4।।
खुद किस्मत हो ख़ुदा ने दिया मौका।
शिफ़ा देना तो हर हाक़िम का फर्ज है।।5।।
अरसे बाद दिखाई दिया वह मुझे कल।
चेहरा उसका हो गया बड़ा ही ज़र्द है।।6।।
वो सब छोड़छाडके आया है तेरे पास।
उसकी हर खुशी अब तुझ पर नज़्र है।।7।।
जरूरते पूरी करते करते वो हुआ ऐसा।
उसपे पैसों का हो गया बड़ा ही कर्ज़ है।।8।।
जाने कितने पल तेरे चुरा के रखे है मैंने।
इश्क़ की बातें आज भी खतों में दर्ज है।।9।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




