हाल-ए-दिल किससे कहें
कौन अपना है यहाँ,
साथी तेरे प्यार बिना लगता है सूना जहाँ।
जिस्म बेजान हुआ,
लेकिन दिल तो है जवाँ।
दिल में ले झांक ज़रा,
तेरा ही घर है वहाँ,
तेरा ही दर है वहाँ।
तेरा मंदिर है वहाँ,
तेरी मूरत है वहाँ।
जाके ज़रा देख वहाँ,
जाके ज़रा बैठ वहाँ।
कैसी पुर्वईया चले,
पंख बिन मन है उड़े
सैर दुनिया की करे
एक जन्नत है वहाँ।
हाल-ए-दिल किससे कहें,
कौन अपना है यहाँ,
साथी तेरे प्यार बिना,
लगता है सूना जहाँ।
क्या हुई हमसे खता,
क्यों मिली हमको सज़ा,
थोड़ा नज़दीक तो आ,
आँखों में देख ज़रा।
तेरी सूरत है वहाँ,
तेरी चाहत है वहाँ।
अब तो एक झलक दिखा,
माफ़ कर मेरी खता।
हाल-ए-दिल किससे कहें,
कौन अपना है यहाँ।
✍🏻 सरिता पाठक

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




