मालूम था उसे में कोई और नहीं उसकी चाहत हूं
उसने छुपाया नहीं था आजतक कुछ भी
दो रंगी लोगो को ये पसंद नहीं आता था
वो उन्हें सुनाया करती थी रोजाना कुछ भी
वो इश्क़ जीससे करती थी वो मै नहीं था
यही दर्द था मुजको और कोई कमी ना थी कुछ भी
वो मिलती तब फूलो की तरह मुसकरा देती
ये जिंदगी इश्क़ बगैर हसीन लगती नहीं कुछ भी
के बी सोपारीवाला