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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra The Flower of WordThe novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayara By Reena Kumari Prajapat

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The novel 'Nevla' (The Mongoose), written by Vedvyas Mishra, presents a fierce character—Mangus Mama (Uncle Mongoose)—to highlight that the root cause of crime lies in the lack of willpower to properly uphold moral, judicial, and political systems...The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

                    

तू दिल तोड़कर भी मासूम कैसे रह गया?

आया,
बिल्कुल वैसे जैसे ऑफ़र की घंटी आती है —
कुछ दिन फ्री, फिर चार्जेबल!
मैं फ्री ट्रायल में दिल दे बैठी
और तू —
कंडीशन पढ़े बिना
इस्तेमाल करके लौट गया।

तू कहता है, “मैंने कुछ किया ही नहीं…”
बिल्कुल सही कहा —
तूने कभी कुछ किया ही नहीं!
न निभाया, न समझा, न रोका, न रुका —
बस चलता रहा,
जैसे गूगल मैप में रास्ता बदलता है —
“Turn left when she stops crying.”
“Continue straight when she starts questioning.”

तेरे लिए इश्क़
किसी ऐप की तरह था —
जब जगह कम लगी,
डिलीट कर दिया।

पर मेरे लिए?
मेरे लिए वो सिसकी थी,
जो रात को तकिये में दबकर मरती रही।
वो इंतज़ार था,
जो रूटीन बन गया —
तेरे ऑनलाइन आने का।

और अब?
अब तू कहता है —
“तू बहुत इमोशनल थी यार!”

हां!
मैं थी।
मैं अब भी हूं।
पर अब मेरी भावनाएं तेरा गंदा आईना नहीं धोएँगी।
अब मैं टूटूँगी नहीं,
बल्कि खिलूँगी —
तेरी बेमुरव्वत यादों के विरुद्ध।

तेरी मोहब्बत अब मेरी कविता बन चुकी है —
हर शब्द में आग,
हर पंक्ति में स्वाभिमान,
और हर विराम पर
तेरे जैसे नामों के लिए
एक मौन तिरस्कार।




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (1)

+

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आया, बिल्कुल वैसे जैसे ऑफ़र की घंटी आती है — कुछ दिन फ्री, फिर चार्जेबल! मैं फ्री ट्रायल में दिल दे बैठी और तू — कंडीशन पढ़े बिना इस्तेमाल करके लौट गया। waah Kya Rachnatmak Vyang hai...Bahut hi Asaadharan Rachna... Adarneey Ko Saadar Pranam...

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