है आप के होंटों पे जो मुस्कान वग़ैरा
क़ुर्बान गए उस पे दिल ओ जान वग़ैरा
बिल्ली तो यूँही मुफ़्त में बदनाम हुई है
थैले में तो कुछ और था सामान वग़ैरा
बे-हिर्स-ओ-ग़रज़ क़र्ज़ अदा कीजिए अपना
जिस तरह पुलिस करती है चालान वग़ैरा
अब होश नहीं कोई कि बादाम कहाँ है
अब अपनी हथेली पे हैं दंदान वग़ैरा
किस नाज़ से वो नज़्म को कह देते हैं नसरी
जब उस के ख़ता होते हैं औज़ान वग़ैरा
जम्हूरियत इक तर्ज़-ए-हुकूमत है कि जिस में
घोड़ों की तरह बिकते हैं इंसान वग़ैरा
हर शर्ट की बूशर्ट बना डाली है 'अनवर'
यूँ चाक किया हम ने गरेबान वग़ैरा
----अनवर मसूद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




