शिक्षक दिवस पर गुरु का शत वंदन शत शत अभिनंदन,
हैं शांति धीर गंभीर जलधि से भास्कर से देदीप्यमान,
मन इनका तो भू सा विशाल मन वचन कर्म से हैं महान।
हमने इनकी ही कृपा से पाया स्वर्णिम श्रेष्ठतम ज्ञान।
संताप भरे इस जीवन में मिल गये थे शीतल चंदन ।
शिक्षक दिवस पर गुरु का वंदन शत शत अभिनंदन ।
आप दिव्य स्नेह से परिपूर्ण सुर सरिता से रहे निर्मल,
मेरे जीवन पर शुभाशीष बरसाते रहे आप अविरल।
उन गुरुवर का गुणगान भला शब्दों में कैसे हो सकता,
सागर स्याही,भू कागज हो,वन कलम भी न लिख सकता।
शिक्षक दिवस की बेला पर प्रभु से यह विनय हमारी है,
आधुनिक शिक्षकों की भगवन क्यों कर हो रही ख्वारीहै।
शिक्षकों में भी सेवा भाव जगे प्रकटायें ब्रह्म से स्पंदन ।
शिक्षक दिवस पर गुरु का शत वंदन शत शत अभिनंदन।
---- बीपी सिंह यादव
[मैनपुरी, उत्तर प्रदेश]