कसकती है जो बातें,जरूरी है उन्हीं बातों पर बात करना,
ख़ामोशी बढ़ाती दूरियांँ बेहतर है, हल निकाल दर्द से निजात पाना
अपनों से लड़कर जीतने पर भी, ख़ुशी नहीं मिलती
गर लड़ाई हो अपनों से, तो उचित है मात खाना
है आपसी सामंजस्य तो दूर रहकर भी, दूरियांँ नहीं बढ़ती
बाबजूद इसके बीता हो अरसा, तो जरूरी है मुलाक़ात करना
अब बच्चे सर झुका कर, सुनते कहाँ बड़ों की बातें,
मगर हक़ नहीं उन्हें बड़ों से, अनर्गल सवालात करना