जल्लाद बन गया है तू ,
कसाई बन गया है तू ,
नफरत पाल कर,
जानी दुश्मन बन गया है तू।
अंकी इंकी डंकी लाल,
कदम कदम पर धोखा देते।
हेरा फेरी कर करके,
माल अंदर कर लेते।
जो ना माने उनकी बात,
खाये घूंसे और लात।
सेटिंग है जोरदार।
हिस्सा करते चार-चार।
मुखिया ने,
तो हद ही कर दी।
बेवजह , बेकसूर के,
गले में रस्सी कस दी।