कानून की किताबें पढ़कर,
धोखा दे रहा जनता को।
सच्चाई छिपाकर,
झूठ बोलता बड़े आराम से।
अंधेरे में छुपकर,
करता अपना काम।
टेबल के नीचे से,
लेता है दाम।
एंट्री करप्शन ब्यूरो वाले ने,
धर लिया एक शाम।
ऑफिस के,
सभी अधिकारियों को बुलाया गया।
यह गिलास में,
गंगाजल की जगह जल भरवारा गया।
सभी से,
कसम खिलवाई गई।
क्या मैं रिश्वत लेता हूं,
मेरे भाई।