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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

आत्मा अमर हो जाती है

श्वासो की डोर जब जीवन से टूट जाती है
आदमी चला जाता है आवाज अमर हो जाती है
फूल से जब बहार रूठ जाती है फूल तो मुरझा जाता हैं
खुशबू अमर हो जाती है
रह जातीं हैं यादें जो पल गुज़ारे थे साथ
साथी तो छूट जाता है साथ अमर हो जाता हैं
रिश्ता नाता बना कभी अपनों के साथ
धीरे-धीरे खुलता सा जाता हैं रिश्ता तो टूट जाता है बंधन अमर हो जाता है
हर पल क्षण जाने क्या जोड़ता तोड़ता रह जाता है
तू तो चला जाता है तेरा गणित अमर हो जाता है
जन्म से लेकर मृत्यु वरन नश्वर को ही संवारता है
शरीर तों चला जाता है आत्मा अमर हो जाती है
✍️#अर्पिता पांडेय




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (4)

+

कमलकांत घिरी said

बिल्कुल सत्य वचन मैम आदमी के चले जाने के बाद उसके साथ बिताया हर पल अमर हो जाता है👌👌👏👏🙏

Arpita pandey replied

आपका हार्दिक धन्यवाद महोदय

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

हर पल क्षण जाने क्या जोड़ता तोड़ता रह जाता है तू तो चला जाता है तेरा गणित अमर हो जाता है Bahut khoobsoorat panktiyan mam. Pranam sweekar karein🙏🙏

Arpita pandey replied

Yeh kavita badi sadharana hai jise apne itna maan diya h 🙏🙏 Aapko Sadar naman

Raghav said

Aatm gyan krne bali rachna ha bahut khoob😌😌

Arpita pandey replied

Thank you so much sir 🙏

Sanjay Srivastva said

उत्कृष्ट रचना👌

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