कई बार ज़िंदगी में कुछ लोग ऐसा पा जाते हैं, जिसके वो हकदार नहीं होते और जब कुछ आसानी से मिल जाए… तो अक्सर उसकी अहमियत भूल जाते हैं।
खासकर वे लोग, जो हमेशा दूसरों के हित में काम करते हैं और उनकी मुश्किल को अपने कंधों पर उठा लेते हैं ताकि किसी और का बोझ हल्का हो सके। ऐसे लोग अपने दर्द को दबाकर भी मुस्कुराना जानते हैं लेकिन उन्हीं की सबसे ज़्यादा अनदेखी होती है।
जब तक सब कुछ संभाल रहे हों, कोई उन्हें नहीं सराहता। लेकिन जैसे ही ज़रा-सी चूक हो जाए, उन्हीं पर सबसे ज़्यादा उंगलियाँ उठती हैं।
यही सबसे बड़ी विडम्बना है जो इंसान चुपचाप दूसरों के लिए सब कुछ करता है, दिन के अंत में वही सबसे ज़्यादा गलत ठहराया जाता है क्योंकि सामने वाले में उसे समझने की क़ाबिलियत ही नहीं होती।
याद रहे 'उपदेश' हर किसी को सब कुछ मिल सकता है, पर हर कोई उसके योग्य नहीं होता।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद