एक कुंडलियां :-- खान-पान पर
दिखता अब संसार में,कदम- कदम पर रोग।
फिर भी छक कर खा रहे, उल्टा-सीधा भोग।
उल्टा - सीधा भोग,मशालें मुर्गा मछली।
छोड़ सभ्यता लोग, जी रहे जीवन नकली।
'प्यासा'अच्छी सोच,शास्त्र जो कहता लिखता।।
बनते क्यों अनजान,जिसे ना कुछ भी दिखता।।
✍️' प्यासा '


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







