आज इस मतलबी दुनिया में,
चौतरफा व्यापक मारा-मारी,
इंसान-इंसान या देश-प्रदेश,
एक दूजे पर हैं सर्वत्र भारी,
बापू गांधी जीवंत होते तो ,
कर देते भूख हड़ताल जारी,
शाश्वत सत्य और अहिसा का ,
पाठ पढ़ाने आते सच्चे पुजारी ,
चक्रव्यूह इस भयंकर दौर का,
ध्वस्त करते रहते बारी - बारी,
विश्वशांति का जीवंत - संदेश,
समझ पाते समस्त नर-नारी ,
बसुधैव-कुटुम्बकम् होता साकार,
अचंभित होती यह दुनिया सारी !
✒️✒️✒️✒️ राजेश कुमार कौशल