कापीराइट गीत
मैंने अपने ख्वाबों में एक दुनियां नई बसाई है
अपने दिल की दीवारों पर एक तस्वीर लगाई है
रंग डाला यह दिल हम ने आज मोहब्बत के रंग से
रंगीन हो गए सब ख्वाब हमारे जो पहले थे बेरंग से
आसमान में कितनी सुन्दर ये घटा निराली छाई है
अपने दिल की .......................
जब से छम-छम पायल की बजने लगी है आंगन में
जैसे गोरी देख रही है राह पिया की सावन में
यह सपने मेरे हुए रसीले बारिश ने झड़ी लगाई है
अपने दिल की .......................
चाहे तुम आओ न आओ हम तो इन्तजार करेंगे
तुम ना आए तो हम तेरी तस्वीर से प्यार करेंगे
ये कैसे बुझेगी ना जाने तुमने जो आग लगाई है
अपने दिल की .......................
लिखेंगे हम नाम तेरा दिल की खाली दीवारों पर
जैसे कोई दीवाना यूं लिखता है नाम सितारों पर
आ जाओ मिलने हमसे ये मिलने की रुत आई है
अपने दिल की .....................
- लेखराम यादव
( मौलिक रचना )
सर्वाधिकार अधीन है