चेहरे के भाव को पढना खुदा ने सिखाया।
सच और झूठ पकडने का हुनर है बनाया।।
मुँह में राम बगल में छुरी घोपने नही देती।
ऐसी असलियत से कोई बच ही नही पाया।।
जैसे ही चेहरे का मुखौटा नजर आता मुझे।
बातें सुनकर 'उपदेश' रास्ता बदला आया।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद