बहुत घर हैं यहां पर मेरे घर के आस पास
मगर किसी घर में कुछ भी नहीं बात खास
घर के मेरे बगीचे में फल है
आ कर देखो जरा गमले में भी फूल है
आंगन के डील में लगा एक नल है
सारा दिन रात आता उस में जल है
ये एक गांव है न बाजार शहर है
यहां पर मेरा ही सब से अछा घर है
यहां पर मेरा ही सब से अछा घर है.......
----नेत्र प्रसाद गौतम