कविता : तुम्हारे बगैर....
मेरे मुताबिक यहां
कुछ भी चलती नहीं
तुम्हें देखते ही तुम से प्यार
हुआ ये मेरी गलती नहीं
तुम भी मुझे प्यार करो
ये तुम से कह सकता नहीं
मगर तुम्हारे बगैर
अब मैं रह सकता नहीं
मगर तुम्हारे बगैर
अब मैं रह सकता नहीं.......