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The Flower of WordThe Flower of Word by Vedvyas Mishra

कविता की खुँटी

        

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Dastan-E-Shayra By Reena Kumari PrajapatDastan-E-Shayra By Reena Kumari Prajapat

कविता की खुँटी

                    

एक दिन आईना बेचैन हुआ

एक दिन आईना बेचैन हुआ
एक दिन आईना बेचैन दिखा
अपने वजूद से परेशान दिखा
पूछने पर बताने लगा कि
एक समय ऐसा था जब
दिल के सच्चे ,ईमान के पक्के
गुणों की सुंदरता से सजे
हर पल हँसते चेहरे निहारता
और अपने-आप पर इतराता
समय के बदलाव ने सब कुछ बदल दिया
दिल वही है सुंदरता वही है चेहरे भी वही हैं
पर न पहले जैसी सच्चाई है उनमें
न ईमान बचा ,न गुण हैं वैसे
और न ही हँसते दिखाई देते हैं
अकेलापन दिखता है आँखों में
मुस्कुराहट में उदासी छुपी रहती है
आज नहीं जीना चाहता मैं आईना बन कर
जब हो जाएँगे सब पुराने जैसे
मैं फिर बन जाऊँगा आईना पर अभी नहीं जी पाऊँगा मैं ऐसे ॥
-वन्दना सूद




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रचना के बारे में पाठकों की समीक्षाएं (9)

+

सुभाष कुमार यादव said

👌👌👌

वन्दना सूद replied

🙏🙏

सुप्रिया साहू said

बहुत ही गहरी भावना , बहुत खूबसूरत रचना मैम 👌👌, आपको सादर प्रणाम 🙏🙏।

वन्दना सूद replied

शुक्रिया सुप्रिया जी 🙏🙏😊

श्रेयसी said

वाह बहुत सुंदर 👌👌🙏🙏

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

अमित श्रीवास्तव said

जब हो जाएँगे सब पुराने जैसे मैं फिर बन जाऊँगा आईना - बहुत सुन्दर पंक्तियाँ आईने का मानवीकरण करते हुए सुन्दर सन्देश और झूठे चेहरों को खूबसूरती से उजागर किया है,बहुत ही गहरी भावना 👌👌

वन्दना सूद replied

🙏🙏

फ़िज़ा said

बहुत खूब कहा "दिल सुन्दर हो तो चेहरा उसे अपने आप बयां कर देता है 👌👌

वन्दना सूद replied

🙏🙏😊

अशोक कुमार पचौरी 'आर्द्र' said

आईने के माध्यम से बहुत सुन्दर सन्देश और मानव की बदलती प्रवृत्ति को बखूबी बयां किया है आदरणीय Mam, को सादर प्रणाम

वन्दना सूद replied

शुक्रिया अशोक जी 🙏🙏😊आपके comments की तारीफ़ जरूरी है जो हर एक लेखक को motivate करते हैं 😊उसके लिए आपका बहुत धन्यवाद

वेदव्यास मिश्र said

एक बेहतरीन गज़ल की नक्काशी दिख रही है मुझे आपकी इस रचना में !!
बहुत सुन्दर 👌👌
आप मैथमेटिक्स से M.SC. हैं ,ये जानकर गजब लगा मुझे ..व्यक्तिगत रूचि कला,साहित्य, पेंटिंग, प्रकृति, पेड़-पौधे,पक्षी !!
पुन: मिलेंगे तो और भी बातें करेंगे !!
आपके परिवार के सभी लोगों को यथायोग्य प्रणाम आशीर्वाद नमन पहुँचे !!
🙏💝💝🙏

वन्दना सूद replied

प्रणाम sir
studies तो हमारे स्वयं की जरूरत है और कला तो जीवन के अनुभवों की देन हैं इसलिए subject देख कर हैरान नहीं होइए 😊

वन्दना सूद said

Namaskar sir आपका बहुत बहुत आभार 🙏🙏आपका interact करने का यह अंदाज क़ाबलिय तारीफ़ है 😊आपने studies की बात की तो असल बात यह है कि पढ़ाई तो बाहरी ज़िन्दगी के लिए है पर जीवन के अनुभव की पढ़ाई हमारी रचना है

वन्दना सूद said

आपके परिवार की भी हमारा आदर सहित नमस्कार 🙏🙏

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