मुम्बई के मौसम में
भूल बैठे थे हम
शरद ऋतु का एहसास
बदली हो गई वहाँ
सर्दी पड़ती है जहाँ
दिसम्बर महीने की शुरुआत क्या हुई
अभी से हिम्मत दे गई जवाब
सोच कर ही मन घबराता है आज
क्या इतनी सर्दी देख कर ही हम बड़े हुए हैं जनाब
बेशक मूंगफली रेवड़ी गजक हो
या हो मक्की की रोटी और सरसों का साग
या फिर करें गुड़ और शक्कर की बात
मजा खाने का इसी ऋतु में लगता है लाजवाब
फिर भी सोच कर मन घबराता है
कि जनवरी की सर्दी भी अभी देखनी है जनाब ..
वन्दना सूद