जब जब मेरी याद आए
गुनगुना लिया करो, मुझे
ग़ज़ल की तरह
आंखों में सजा लिया करो
काजल की तरह
आंखों से बहने
ना दिया करो
पिघले मोतियों को
सब छोड़ आना पड़ेगा
बनके रहना पड़ेगा
किंजल की तरह
थोड़ा इंतजार कर लेना
सावन की धीमी बयारों का
कसम से,
आकर छा जाऊंगा, तुम पर
बादल की तरह
दिन ढलते ही
खुजलाती है पांव, रोज़
समझ लेता हूं
तुम, आईने के समीप बैठी हो
खिली हुई
कमल की तरह
सुबह सुबह
कोई धुन, कोई गीत
कानों में गुंजती है
लगती है, तुम्हारी
खनकती,
पायल की तरह
दूर रहकर
दूर थोड़ी हूं, तुमसे
हर शाम, थकान के बाद
रहती हो साथ मेरी
संबल की तरह।।
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




