🐸मेंढक 🐸
बाल कविता
मेंढक जी 🐸मेंढक जी
बड़ी उछल कूद करते हो
उछल उछल कूद कूद कर
एक जगह से दूसरी जगह
पहुंच जाते हो 🐸🐸🐸
ज़रा बताओ इतनी ऊर्जा
कहां से लाते हो🐸🐸
थल में भी रह जाते हो
जल में भी जीवन पाते हो
बादल के हो प्रहरी तुम
बरखा की सूचना लाते हो
चिपचिपी है त्वचा तुम्हारी
उभरी उभरी दो आंखें हैं
पिछले पांव में जाले लगे
आगे चार अंगुली तुम्हारी
सृष्टा ने जो रचना है बनायीं
उससे ही गति तुम पाते हो
✍️#अर्पिता पांडेय

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




