यूं दिलों में ताजगी आ जाए काश
हर जुबां पे रागनी आ जाए काश।।
जिसकी हसरत है हमें एक उम्र से
गनगुनाती जिन्दगी आ जाए काश।।
तीरगी में कैद जिनकी जिंदगी यहाँ
सब नजर में रोशनी आ जाए काश।।
हो गई हों यहाँ सारी दवाएं बेअसर
बस दुआ में ना कमी आ जाए काश।।
मासूम है बहुत बोल कुछ सकता नहीं
रोते बच्चे को हंसी आ जाए काश।।
पेड़ जब टूटा तो डरके सारे परिंदे उड़ गए
फिर से उनकी वाहिनी आ जाए काश।।
दास अपनी है दुआ अब परवरदिगार से
धूप घर घर में चांदनी आ जाए काश।।