लालच अब बेकार हे लालच मन का रोग
इसीसे ग्रस्त हे सभी आजके लोग
अब ना बचे वो सपने ना बची हे नींद
अब मरने ना दीजिये गरीबो की उम्मीद
हवाये भी गा रही तनबदन दिखावे के गीत
आजकल बिकते हे यहां लाखो में मनमीत
बाज नजर से घूम रहा अभी भी भ्रस्टाचार
मोदी के सामने आये तो ठीक करे उपचार
कोई भी तंत्र हो सरकारी या गैर सरकारी
खुद का घर भरने को ये बनते हे भिखारी
के बी सोपारीवाला


The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra
The Flower of Word by Vedvyas Mishra







