नज़रें ना चुराओ
नज़राना लेने दो ना
मिलने का तुमसे
बहाना लेने दो ना
दिल का क्या भरोसा
कब किस पर आजाये
अब तुम पर आया है तो
दिल में बस ही जाने दो ना
नजरे ना चुराओ
नजराना लेने दो ना
कुछ लम्हे तो ठहरो
एक कहानी बनाने दो ना
कुछ तुम अपनी बोलो
कुछ मुझको कहने दो ना
नजरे ना चुराओ
नजराना लेने दो ना
कुछ यादें तुम खुद देदो
कुछ मुझको लेने दो ना
कुछ बातों पर हंस लेंगे हम
कुछ पर रोने दो ना
नजरे ना चुराओ
नजराना लेने दो ना
मिलने का तुमसे
बहाना लेने दो ना
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The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




