दिल ने क़रार पाया
कब से बेकरार बैठे थे तुम्हें देखने को,
जब देखा तुमको दिल ने करार पाया..।।
आस और विश्वास लेके इंतजार किए,
आंखे बंद किए तुम्हें अपने सामने पाया..।।
हम तो गुस्से भी हुए तुमसे बार - बार,
हर बार मनाने का हक़ है तुमसे पाया..।।
कुछ कहे भी तो बस इतना ही तुमसे,
जब भी देखा दिल से अपने पास पाया..।।
- सुप्रिया साहू