दिल मचलने लगता है,
आपको जब भी देखता हूँ !!
होंठ लगते हैं कँपकपाने,
आपको जब भी देखता हूँ !!
होने लगता है न जाने क्या-क्या,
जानेमन जब तुम्हें सोचता हूँ !!
तलैया में नहाओ सँभलके,
कहीं आग न लग जाये पानी में !!
सँभलके छुड़ाओ कपड़े बदन से,
तौबा-तौबा हो न जाये हवा में !!
दिल फफकने लगता है,
आपको जब भी देखता हूँ !!
इक हलचल सी होती है,
इक तूफाँ सा होता है !!
कुछ अड़चन सी होती है,
कुछ उलझन सा होता है !!
कुछ तो खिसकने लगता है,
आपको जब भी देखता हूँ !!
- प्रेम कवि वेदव्यास मिश्र
सर्वाधिकार अधीन है

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




