मौन ख्वाहिशे मेरी चुपके से पूरी करते।
बात हो जाती पल-पल फोन नही करते।।
उनकी तस्वीर हटती नही मेरी निगाहों से।
किस-किस तरह से वो मेरा ख्याल करते।।
इश्क में पड़कर मुक़ाम य़े हासिल किया।
साँसे थामकर आजकल उनसे बात करते।।
कुछ यों श्रृंगारित है प्रेम आज भी अपना।
कि हम करीब से देखने का इंतजार करते।।
भावनाएँ मौन वक्त के संग कर ली अपनी।
इतना भरोसा आज भी 'उपदेश' से करते।।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



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