सफर में हमसफर पाकर,
फूल सा दिल खिलते खिलते रहा।
तरस रही थी बंजर जमीन,
आया बादल बरसते बरसते रहा।
वही तस्वीर उभरने लगती,
मगर साफ खाका बनते बनते रहा।
मोहब्बत हो ही जाती 'उपदेश',
प्यारा शख़्स ठहरते ठहरते रहा।
- उपदेश कुमार शाक्यावार 'उपदेश'
गाजियाबाद

The Flower of Word by Vedvyas Mishra
The novel 'Nevla' (The Mongoose) by Vedvyas Mishra



The Flower of Word by Vedvyas Mishra




