देख के उसका रूप, साज-श्रृंगार,
दिल, दीवाना हुआ है पहली बार।
देखा जब उसको मैंने पहले-पहल,
देख कर ही दिल हो गया घायल,
लगा यूँ जैसे, हो गया मुझे प्यार,
दिल, दीवाना हुआ है पहली बार।
माथे की बिंदियाँ, कानों में बाली,
मुस्कान भरे होंठ, उस पर लाली,
छिप-छिप कर निहारूँ मैं बारंबार,
दिल, दीवाना हुआ है पहली बार।
उसकी सादगी मैं देखता रह गया,
छू कर हृदय, कानों में कह गया,
देख के उसे, आए दिल को करार,
दिल, दीवाना हुआ है पहली बार।
🖊️सुभाष कुमार यादव